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नियत साफ़ हो तो रोज़गार की कमी नहीं

Our Industrial Policy
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उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव के नेतृत्व में नई से लोगो – खासकर बेरोजगारों को ज्यादा ही उम्मीदे है. हमारी औधोगिक निति खराब होने के कारण प्रदेश की सारी कताई मिले लगभग बंद हो चुकी है. कर्मचारी-श्रमिक बेरोजगार घूम रहे है. मिलो में लूट घसोट मच है. कौडियो के भाव मशीने अधिकारियो की मिलीभगत से बेचीं जा रही है. मिलो की जमीन पर अवैध कब्ज़े हो रहे है. परन्तु इन मिलो में काम करने वाले लोगो की स्थिति पर गौर करने वाला कोई नहीं. लोगो को वेतन मिले अरसा हो गया. सब तरफ लाचारी है. यदि सरकार इन कताई मिलो को फिर से चालू करती है तो स्थानीय लोगो को रोज़गार मिलेगा और उनका जीवन स्तर सुधरेगा. हजारों लोगो को रोज़गार के साथ साथ उद्योग जगत में भी इसका असर होगा. आज चाइना, जापान, कोरिया आदि देशो में औधोगिक प्रगति इसका उद्धरण है. यदि सरकार चाहे तो इसमें बड़े बड़े उद्योग घराने- टाटा,बिरला, अम्बानी, वेप्रो आदि बड़ी भूमिका निभा सकते है और प्रदेश को उत्तम प्रदेश बना सकते है. नियत साफ़ हो तो रोज़गार की कमी नहीं.

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